इंदौर. फर्जी बीमा पॉलिसी की फोटोकापी लगाकर बीमा कंपनी से 5 लाख 90 हजार का क्लेम लेने वाले की अर्जी जिला व सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। एक्सिडेंट होने के बाद क्लेम के लिए आवेदन किया था। इसमें पॉलिसी की फोटो कॉपी लगाई थी। कंपनी ने इसकी जांच की तो पता चला कि पॉलिसी फर्जी है। कंपनी ने कभी पॉलिसी की ही नहीं।
कंपनी के वकील राजेश चौरसिया ने बताया कि गफूर खा की बजरिया निवासी मोहमद नूर को 27 सितंबर 2013 को चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी। नूर ने चोट का क्लेम हासिल करने आवेदन किया था। नूर का कहना था कि उसने कंपनी से ही पॉलिसी ली थी। जबकि कंपनी की ओर दलील दी गई कि जिस पाॅलिसी की फोटोकापी पेश की गई है उस नंबर का कोई रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं है। कंपनी के खाते में भी पाॅलिसी के एवज में भुगतान राशि चेक या डीडी से जमा नहीं हुई है। कोर्ट ने दोनों पक्ष सुनकर आवेदन खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि बीमा कंपनी के द्वारा डीआईजी को एक ज्ञापन भी दिया था। इसमें कहा गया था कि शहर में फर्जी पाॅलिसी करने वाले घूम रहे हैं। पेट्रोल पंप, रोड किनारे स्टाॅल लगाकर बीमा कर रहे हैं। लोगों को प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालकर दे देते हैं। मौके पर ही कैश या अकाउंट में भुगतान करने वाला चेक ले लेते हैं।